Gayatri Aarti – Jai Gayatri Mata & Aarti Shree Gayatri Ji Ki
Gayatri Aarti – Jai Gayatri Mata & Aarti Shree Gayatri Ji Ki Read More »
जय जय तुलसी माता, सबकी सुखदाता वर माता। सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर, रुज से रक्षा करके भव त्राता। जय जय तुलसी माता। बहु पुत्री है श्यामा, सूर वल्ली है ग्राम्या, विष्णु प्रिय जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता। जय जय तुलसी माता। हरि के शीश विराजत त्रिभुवन से हो वंदित,
Tulsi Aarti – Jai Jai Tulsi Mata Read More »
श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी। राजेश्वरी जय नमो नमः॥ करुणामयी सकल अघ हारिणी। अमृत वर्षिणी नमो नमः॥ जय शरणं वरणं नमो नमः। श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी॥ अशुभ विनाशिनी, सब सुख दायिनी। खल-दल नाशिनी नमो नमः॥ भण्डासुर वधकारिणी जय माँ। करुणा कलिते नमो नम:॥ जय शरणं वरणं नमो नमः। श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी॥ भव भय हारिणी, कष्ट
Lalita Mata Aarti – Shree Mateshwari Jai Tripureshvari Read More »
जय पार्वती माता जय पार्वती माता। ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता॥ जय पार्वती माता अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता। जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता॥ जय पार्वती माता सिंह को वाहन साजे, कुण्डल हैं साथा। देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥ जय पार्वती माता सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता। हेमांचल
Parvati Aarti – Jai Parwati Mata, Maiya Jay Parvati Mata Read More »
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥ ॐ जय एकादशी…॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी। शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई॥ ॐ जय
Ekadashi Aarti – Om Jai Ekadashi Mata Read More »
जय अहोई माता, जय अहोई माता। तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता॥ जय अहोई माता॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥ जय अहोई माता॥ माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता॥ जय अहोई माता॥ तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता। कर्म-प्रभाव प्रकाशक
Ahoi Mata Aarti – Jai Ahoi Mata Read More »
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से है बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम
Durga Aarti – Ambe Tu Hai Jagdambe Kali, Jai Durge Khappar Wali Read More »
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥ ॐ जय गंगे माता॥ चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता। शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता॥ ॐ जय गंगे माता॥ पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता। कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता॥ ॐ जय गंगे
Ganga Aarti – Om Jai Gange Mata Read More »
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता। हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥ शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी। गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी॥ ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे। सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे॥ सुन्दर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे। बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥ भवन
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जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय सरस्वती माता॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी। सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥ जय सरस्वती माता॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला। शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥ जय सरस्वती माता॥ देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया। पैठी मंथरा दासी,
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